[ नोट - यह कहानी काल्पनिक है , इनमें कुछ सच्चाई
और काल्पनिकता को जोड़ कर एक हॉरर कहानी बनाई
गई है , इसे केवल एक कहानी की दृष्टि से पढ़ें । ]
सुद्धोधन दास जी कोलकाता से दिल्ली रहने आये थे।वह यहां कारपेंटर की दुकान खोलना चाहते थे अपने एक दोस्त के पास रुककर दूकान के लिए खाली कमरे की तलाश करने लगे, दिल्ली में खाली दुकान मिलना इतना भी आसान नही था , पर तलाश पूरी हुई साथ ही वही रहने की जगह भी मिल गई थी और किराया भी कम था तो उस घर के मालिक दिनेश
से बात कर सब कुछ पक्का कर लिया था, यह घर संत नगर के बुराड़ी नामक जगह पर था ।
सुद्धोधन दास ने जब उस जगह और दुकान मिलने के बारे में बताया तो , उसका दोस्त चौककर बोला तुमको और कोई जगह नही मिला था क्या , पता है वहाँ आज से सात आठ महीनें पहले उसी घर में कई मौतें हुई थी और सब लोग उस घर को भूतहा मानते हैं , उस घर अब कोई रहने नही आता और तभी उसका मालिक तुझे वह घर इतने सस्ते पर किराए में दे रहा है ।
सुद्धोधन को इस बात से कोई फर्क नही पड़ता था उसके पास इतना पैसा भी नही था और कुछ काम तो जल्द से जल्द शुरू करना था ।और इतने सस्ते में उसे कोई खाली कमरा भी नही मिल सकता था ,, सुद्धोधन ने अपने दोस्त की बात को अनसुना कर वहां आ गया घर आखिर बड़ा था , और नीचे दुकान थी ।
दुकान के लिए सभी सामान भी धीरे धीरे इक्कठा
होने लगा , पर वहां के आस पास के लोग सुद्धोधनजी को देख हैरान थे वो तो उस घर के सामने से जाते हुए भी भगवान का नाम लेते थे और सुद्धोधन तो वहां रहने आया था , पास ही रहने वाले एक बूढ़े ने आकर सुद्धोधन से कहा - ' बेटा जानते हो न तुम जिस घर में रह रहे हो वहां कुछ ऐसा हुआ था कि हम इस जगह को भुतहा मानते हैं और तुम तो यहां रहने आ गए ।'
सुद्धोधन इन सब से परेशान हो चुका था तो झिझकते हुये बोला - ' बाबा हम रह रहे है आप तो नही न , और मैंने उन भूतों का कुछ बिगाड़ा है क्या जो मुझे परेशान करेंगें ।'वह बूढ़ा ,, जो तुम्हारा मन ,, यह बोलते हुए चला गया । आसपास के आदमी भी हमेशा उसे यहां न रहने की सलाह देते , पर वह किसी की बात न सुनता।उस घर का मालिक जिनका नाम दिनेश भाटिया था वो भी कुछ दिन के लिए यहां अक्सर रहने आते ,, एक दिन सुद्धोधन ने इन सब मौतों के बारे में उनसे पूछा तो बताया हाँ यह सच है पर इससे क्या ,, क्या तुम्हारें घर में किसी की मौत हो जाए तो तुम वहां रहना छोड़ दोगे ।
हालांकि सुद्धोधन जब से यहां आया था उसे तो कोई ऐसा महसूस नही होता था कि यहां कोन नकारात्मकचीजें भी हैं । कारपेंटर का दुकान भी बन गया था और उसने एक दो और आदमी को काम पर रख लिया था और दुकान भी चल निकली थी , लोगों में अब भी दहशत तो थी पर आज सुद्धोधन को आये उस घर में एक महीने से भी ज्यादा हो गया था।लोगों में कुछ डर तो कम हुआ था इस घर को लेकर और अब वहां के लोग भी उसके दुकान से समान बनवाने लगे थे , इस बात से सुद्धोधन भी खुश था ।
दिल्ली में इस समय गर्मियों का मौसम चल रहा था। तो रात को सुद्धोधन जी ऊपर छत पर ही सोते ,उनका मानना था कि हाँ आत्मायें रात को आती हैं पर वह तो छत पर रहते हैं तो अगर इस घर में है तो मुझे इससे कोई फर्क नही। पर एक रात वह छत पर लेटे हुए थे रात के करीब 11 बज रहे थे उनकी आँखों में भी नींद ने दस्तक देना चालू ही किया था कि उन्हें लगा मानों कोई उनके सर के पास खड़ा है उसकी सांसों की गर्मी सुद्धोधन की को अपने मुंह पर महसूस हो रही थी उन्होने ने हड़बड़ाहट में अपनी आंखें खोली तो देखा कोई एक आदमी का साया उनके पास खड़ा है फिर वह गायब हो गई । और उन्होंने देखा छत का दरवाजा खुला हुआ था जो उन्होंने बंद किया था फिर एकाएक वह दरवाजा अपने आप बन्द हो गई , और उनके कानमें आवाज आई ' स्वागत है मेरे घर में ' पीछे मुड़ कर देखा तो कुछ नही था ।
उन्होंने इसे कोई वहम समझा और फिर से निचे जाकर कमरे को देखा कही कोई चोर तो नही घुस गया और फिर जब उन्हें तस्सली हुई कि कोई नही है तो फिर जाकर सो गए । सुबह उन्हें ऐसा लग रहा था मानों उनका शरीर पूरा भारी हो गया था , सर में भी दर्द हो रहा था और पूरे शरीर में भी । नीचे आकर देखा तो उन्हें कमरे में कुछ खास बदलाव दिखी जैसे ,,, जो कुर्सी किसी दूसरे कमरे में रखी वह किसी और जगह थी ,, पैरों के निशान भी थे मानों रात में कई लोग इस घर में चल रहे थे । खिड़की भी खुली थी जो उन्होंने बन्द कर रखी थी , ऐसे ही कई चीजें ,,, पर इस पर उन्होंने ध्यान नही दिया , तबियत वैसे ही खराब लग रही थी तो उन्होंने दुकान को काम करने वाले आदमियों को फोन कर आज नही आने को कहा और फिर एक सरदर्द की गोली खाकर वही बेड पर लेट गए और न जाने उन्हें कब
नींद आ गई पता ही न चला ।
आस पास के लोग आज सुद्धोधन के दुकान न खोलने को लेकर परेशान थे वो सुबह से बाहर निकले भी न थे और अब तक तो दुकान खोल देते थे और आज नही , वहां के लोगों ने उस भयानक घटना को देख चुके थे तो उन्होंने देर न करते हुए दरवाजा खटखटाते हुए उन्हें बुलाने लगे यह देख कुछ और लोग भी उन्हें बाहर से जोर जोर से आवाज देने लगे एक लोग ने तो पुलिस स्टेशन पर भी फोन कर दिया था ।
सुद्धोधन जी ने कई लोगों की बुलाने की आवाज सुनी और वो जल्दी से आंख मलते हुआ बाहर आये।बाहर खड़े लोगों के चेहरे पर दहशत साफ दिख रही थी पर जब उन्होंने देखा कि सुद्धोधन जी ठीक हैं तो उनकी जान में जान आयी । तो सुद्धोधन ने उन्हें बताया कि,, थोड़ी तबियत खराब थी इसलिए दवाई खाकर सो गया था इसीलिए आप लोगों की आवाज सुन नहीं पाया ।एक ने कहा आप इस घर में रहेंगे तो ऐसे ही बीमार होते जाएंगे , यहां से चले जाइये ।
सुद्धोधन ने उसकी बात को काटते हुए कहा कुछ नही बस सर में थोड़ा दर्द था और कुछ नही।
अब अक्सर सुद्धोधन जी को घर में चीजों के अक्सर बदलाव दिखने लगे जैसे उनके अलावा इस घर में कई और लोग रहतें हो । पर इन दिनों उनका दुकान एकदम चल निकली थी , कमाई भी एकदम अच्छी हो रही थी पैसे बचाकर अब घर भी भेजने लगे थे ,, पर उन्हें रात को अक्सर बहुत भयानक आवाजे व छत पर किसी के टहलनेव बात करने की आवाजें सुनाई देती ,, पर जैसे अब इन्हें इन सब की आदत पड़ चुकी थी वो इसे हमेशा
नजरअंदाज करते ।
एक दिन जो हुआ वह सुद्धोधन जी के लिए बहुत ही भयानक था ...
हुआ ये कि उन्हें रात को बाथरूम लगी और वह नीचे आये और बाथरूम कर पानी पीने लगे तो उन्हें लगा जैसे कोई उनके पीछे कोई खड़ा है पीछे मुड़ कर देखा तो एक भयानक सा चेहरा लिए एक आदमी खड़ा था और कई साया वहीं पर घूम रही थी तभी सभी ने वहाँ रखी रस्सी को उठा अपने गले में डाल बचाओ बचाओ करते हुए वहीं झूल गए ।
यह सब देख सुद्धोधन जी डर से काँपने लगे थे वह तुरंत चिल्लाते हुए बाहर भागे और बाहर ही बेहोश
होकर गिर पड़े ।
सुबह जब पास के लोगों ने उन्हें देखा तो तुरंत हॉस्पिटल ले गए डॉक्टरों ने बताया उन्हें मेमोरी शॉक
पड़ा है , इन्हें जागने में कुछ समय लगेगा ।
सुद्धोधन जी जब उठे तो ठीक से बोल नही पा रहे थे । फिर जब वह ठीक हुए तो उन्होंने बताया कि उस घर में कुछ तो है जैसा आप लोगों ने बताया ठीक वैसा ही उन्होंने कुछ देखा है । सुद्धोधन जी ने वह घर छोड़ दिया ,तो क्या हुआ था उस घर में और लोग क्यों डर रहे थे और उस घर के लोगों में ऐसा क्या था कि ऐसी घटना हुई।
बात है आज से 50 साल पहले .......
क्रमशः ।।
अगला भाग जल्द ही , अपनी सुंदर समीक्षा मेरी इस
कहानी पर दें , व नए पढको को अगले भाग की
जानकारी मिले उसके लिए मुझे फॉलो करें ।
2 Comments
right this in english plz
ReplyDeleteOkay
DeleteThank for your excellent comment.we are try to best performance for our work.